शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार सोमवार की रात 9 बजे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ सादे शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ली। इससे पहले, शाम करीब छह बजे उन्हें बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया थाशिवराज चौहान को पार्टी दफ्तर में आयोजित एक बैठक के दौरान चुना गया। बैठक में दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के पर्यवेक्षक अर्जुन सिंह और राज्य के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भी शामिल हुए।मध्य प्रदेश में सियासी घमासान के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बना ली है. राजभवन ने मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के लिए रात 9 बजे का वक्त दिया था. शिवराज सिंह चौहान ने रात 9 बजे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की चौथी बार शपथ ली है.
शिवराज सिंह चौहान ने सीएम पद की शपथ लेने के बाद चौथी बार मध्य प्रदेश की कमान संभाली है. पहली बार वह 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार सीएम बने. 8 दिसंबर 2013 को शिवराज ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी.
शिवराज सिंह चौहान को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में संकोच की बातें क्यों उठती हैं. शायद इसका एक कारण ये भी है कि शिवराज सिंह चौहान उन दिनों नेता बने या पार्टी में ऊपर चढ़ते गए जब लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के अध्यक्ष होते थे. उनको आडवाणी का प्रतिनिधि माना जाता रहा है. राजनीति में ये भी कहा गया जाता रहा कि अब मोदी जी प्रधानमंत्री हैं तो जो लोग आडवाणी के लोग माने जाते रहे वे अपने आप ही धीरे-धीरे एक साइड होते चले गए. लेकिन मैं बीजेपी की कार्यप्रणाली को जानता हूं. बीजेपी जैसा दिखती है वैसी है नहीं. शिवराज सिंह चौहान के साथ ऐसा कोई कारण नहीं था.