नई दिल्ली :चुनावी गहमागहमी के बीच तेदेपा प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू अपने राज्य को विशेष दर्जा दिलाने और राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत केंद्र द्वारा किए गए वादों को पूरा करने की मांग को लेकर आज दिल्ली में एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों, पार्टी के विधायकों, एमएलसी और सांसदों के साथ धरना दे रहे हैं. राज्य कर्मचारी संघों, सामाजिक संगठनों और छात्र संगठनों के सदस्य भी इसमें शामिल होंते दिखाई दे रहे हैं.जबकि दूसरी तरफ पीएम मोदी आज उत्तर प्रदेश के वृंदावन दौरे पर हैं.
खबर है की आज सुबह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू अपने राज्य को विशेष दर्जा दिलाने और राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत केंद्र द्वारा किए गए वादों को पूरा करने की मांग को लेकर दिल्ली में स्थित आंध्रा भवन में एक दिन के भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
नायडू की यह कोशिश है की इस तरह केंद्र की सरकार पर विशेष राज्य के लिए दबाव बनाया जाए ,हालंकि विशेषज्ञों का कहना है की चूँकि लोकसभा का चुनाव क़रीब आ गया है ऐसे में नायडू की यह चाल है की वह इस के सहारे आंध्रा प्रदेश में अपनी ज़मीन मज़बूत कर सकें और आने वाले लोकसभा चुनाव में इस क़दम से कुछ लाभ मिल सके। वहीँ देखने वाली बात यह होगी की दिल्ली में भूख हड़ताल करने वाले नायडू की बात कौन सुनेगा?
चूँकि मोदी खुद दिल्ली से बाहर उत्तरप्रदेश में होंगे और भारत के समस्त मीडिया की नज़र आज लखनऊ में प्रियंका गांधी की होने वाली रैली और रोड शो पर है ,ऐसे में नायडू के भूख हड़ताल का कोई ख़ास फायदा नहीं मिलता नज़र आ रहा है ,हाँ यह ज़रूर कह सकते हैं की यह चुनावी स्टंट है जिसका कुछ फायदा चुनाव में मिलने की संभावना व्यक्त की जा सकती है।