नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्र के नाम संदेश दिया. पीएम ने यह संदेश अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे अहम मामले में फैसला सुनाया है जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का इतिहास है. पूरे देश कि ये इच्छा थी कि इस मामले की कोर्ट में हर रोज़ सुनवाई हो. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दशकों तक चली न्याय प्रक्रिया का समापन हुआ है.
पीएम मोदी ने कहा कि फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग, हर समुदाय और हर पंथ के लोगों सहित पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है। इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना और बहुत धैर्य से सुना और पूरे देश के लिए खुशी की बात है कि सर्वसम्मति से फैसला दिया।
पीएम ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है। इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं। आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही नौ नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख भी दे ही है। आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है।पीएम मोदी ने कहा कि साथियों पूरी दुनिया ये तो मानती ही है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, आज दुनिया ने जान लिया है कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत है. भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है और आज ये मंत्र अपनी पूर्णता के साथ खिला हुआ नज़र आ रहा है. हज़ारों साल बाद आज भी किसी को भारत के इस गुण को समझना होगा तो वो आज के इस फैसले और घटना का ज़रूर उल्लेख करेगा. ये घटना इतिहास के पन्नों से उठाई हुई नहीं है देश के सवा सौ करोड़ लोगों ने इसका सृजन किया है. भारत की न्यायपालिका के लिए भी ये स्वर्णिम दिन है.
#WATCH Prime Minister Narendra Modi: Supreme Court listened to all the sides during the hearings of this case with utmost patience & it is a matter of happiness for the entire country that the decision came with the consent of all. #AyodhyaJudgment pic.twitter.com/kWiiA0ZHSq
— ANI (@ANI) November 9, 2019